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________________ // 810 // // 811 // // 812 // // 813 // // 814 // // 815 // वरिससहस्से पुण्णे तित्थोगालीए वड्डमाणस्स। नासीही पुव्वगतं अणुपरिवाडीए जं जस्स पण्णासा वरिसेहिं य बारसंवरिससएहिं वोच्छेदो।। दिण्णगणि-पूसमित्ते सविवाहाणं छलंगाणं नामेण पूसमित्तो समणो समणगुणनिउचिंचइओ। होही अपच्छिमो किर विवाहसुयधारको धीरो तम्मि य विवाहरुक्खे चुलसीतीपयसहस्सगुणकलिओ। सहस च्चिय संभंतो होही गुणनिप्फलो लोगो समवायववच्छेदो तेरसहिं सतेहिं होहि वासाणं / माढरगोत्तस्स इहं संभूतजतिस्स मरणम्मि तेरसवरिससतेहिं पण्णासासमहिएहि वोच्छेदो / अज्जवजतिस्स मरणे ठाणस्स जिणेहिं निद्दिट्ठो चोद्दसवरिससतेहिं वोच्छेदो जेट्ठभूतिसमणम्मि। कासवगोत्ते णेओ कप्प-व्ववहारसुत्तस्स . भणिदो दसाण छेदो पन्नरससएहिं होइ वरिसाणं / समणम्मि फग्गुमित्ते गोयमगोत्ते महासत्ते भारदायसगुत्ते सूयगडंगं महासमणनामे। अगुणव्वीससतेहिं जाही वरिसाण वोच्छित्ति वरिससहस्सेहिं इहं दोहि विसाहे मुणिम्मि वोच्छेदो। वीरजिणधम्मतित्थे होहि निसीहस्स निद्दिट्ठो विण्हमुणिम्मि मरते हारितगोत्तम्मि होति वीसाए। वरिसाण सहस्सेहिं आयारंगस्स वोच्छेदो अह दूसमाए सेसे होही नामेण दुप्पसहसमणो। अणगारो गुणगारो धम्मागारो तवागारो .. 125 // 816 // // 817 // // 818 // // 819 // // 820 // // 821 //
SR No.004465
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages348
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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