________________ // 666 // // 667 // // 668 // // 669 // // 670 // // 671 // 'सामियसणंकुमारा ! सरणं ता होहि समणसंघस्स' / इणमो वेयावच्चं भणमाणाणं न वट्टिहिति आलोइयनियसल्ला पच्चक्खाणेसु धणियमुज्जुत्ता / उच्छिप्पिर्हिति समणी गंगाए अग्गवेगेणं काओ वि साहुणीओ उवगरणे धणियरागपडिबद्धा / कलुणपलोइणियातो वसहीसहियाओ वुझंति 'सामियसणंकुमारा ! सरणं ता होहि समणसंघस्स'। इणमो वेयावच्चं भणमाणीणं न वट्टिहिति आलोइयनिस्सल्ला समणीओ पच्चक्खाइऊण उज्जुत्ता / उच्छिप्पिहिति धणियं गंगाए अग्गवेगेणं केई फलगविलग्गा वच्चंती समण-समणिसंघाया। आयरियादी य तहा उत्तिन्ना बीयकूलम्मि . नगरजणो वि य वूढो कोई लभ्रूण फलगखंडाई। समुतिन्नो बीयतडं, कोई पुण तत्थ निहणगतो रण्णो य अत्थजायं पाडिवतो चेव कक्किराया य। / / एयं हवइ उ बुड्डे, बहुयं वूढं जलोहेण पासंडा वि य वण्डा (?) वूढा वेगेण कालसंपत्ता / चोइधरं(?चेइहरं)तित्थे (?त्थं)वा पविरलमणुयं च संजायं सो अत्थपडित्थद्धो मज्झं होही जसो य कित्ती य। तम्मि य नगरे वूढे अण्णं नगरं निवेसिहिति अहं सव्वतो समंता कारेही पुरवरं महारम्मं / आरामुज्जाणजुयं विरायते देवनगरं व पुणरवि आयतणाई, पुणरवि साहू बि तत्थ विहरंति / सम्मं य वुट्ठिकाओ वासिहि संती य वट्टिहिति // 672 // // 673 // // 674 // // 675 // // 676 // // 677 // .. . 113