________________ सा किर तइया गावीहोऊणं रायमग्गमोतिण्णा / साहुजणं हिंडतं पाडेही सूसुयायंती // 642 // ते भिण्णभिक्खभायणविलोलिया भिण्णकोप्परनिडाला। भिक्खं पि हु समणगणा न चयंति हु हिंडिउं नयरे // 643 // वोच्छंति य मयहरगा आयरियपरंपरागयं तच्चं / "एस अणागयदोसो चिरदिट्ठो वद्धमाणेणं // 644 // अण्णे वि अस्थि देसा लहुं लहुं ता इतो अवक्कमिमो। एसा वि हु अणुकप्पइ(?) गावीरूवेण अहिउत्था" // 645 // गावीए उवसग्गा जिणवरवयणं च जे मुणेहिति / गच्छंति अण्णदेसं, तह वि य बहवे न गच्छंति // 646 // गंगासोणुवसग्गं जिणवरवयणं च जे मुणेहिति / गच्छंति अण्णदेसे, तह वि य बहुया न गच्छंति // 647 // "किं अम्ह पलाएणं ? भिक्खस्स किमिच्छियाइ लब्भंते' / एवं विजंपमाणा तह वि य बहुया न गच्छंति . // 648 // पुव्वभवनिम्मियाणं दूरे नियडे व्व अल्लियंताणं। . कम्माण को पलायइ कालतुलासंविभत्ताणं? // 649 // दूरं वच्चइ पुरिसो 'तत्थगतो निव्वुई लभिस्सामि' / तत्थं वि पुव्वकयाई पुव्वकयाइं पडिक्खंति // 650 // अह दाणि सो नरिंदो चउम्मुहो दुम्मुहो अधम्ममुहो।' पासंडे पिंडेउं भणिही 'सव्वे करं देह' . // 651 // रुद्धो य समणसंघो अच्छीहिति, सेसया य पासंडा। सव्वे दाहिति करं सहिरण्ण-सुवण्णया जत्थ // 652 // सव्वे य कुपासंडे मोयावेही बला सलिंगाई। अइतिव्वलोहघत्थो समणे वि अभिद्दवेसी य // 653 // - 111