________________ // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // सुविहियमिणं पवयणं असद्दहंतेण मूढजीवेण / बालमरणाई तीए मयाई काले अणंताई सम्मत्ताणुगयमणो जीवो मरणे असंजओ जइ वि / जिणवयणमणुसरंतो परित्तसंसारिओ होइ इक पंडियमरणं छिण्णइ जाईसयाई बहुयाई / तं मरणं मरियव्वं जेण मओ सुम्मओ होइ आराहणाविहिं पुण भत्तपरिण्णाइ वण्णिमो पुव्वं / उस्सण्णं स च्चेव उ सेसाण वि वण्णणा होइ जा दिट्ठिदाणमित्तेण देइ पणईण नर-सुरसमिद्धि / सिवपुररज्जं आणारयाण देवीइ तीइ नमो दढघडियचउद्दारं विसंति आराहणापुरं वीरा / नर-विबुहेसर-सिवसुहरिद्धिसमिद्धं जयपसिद्धं भत्तपरिण्णामरणं भणियं सपरक्कमस्स सवियारं / . तस्साऽऽराहणमिणमो भणंति कमसो चउद्दारं . पढमं परिकम्मविहिं गणसंकमणं ममत्तवुच्छेओ / तत्तो समाहिलाभो चउत्थमाराहणादारं परिकम्मविहीइ पुणो एकारस हुंति संगयगुणाई / पडिदाराई इमाइं अहक्कम कित्तइस्सामि अरिहे लिंगे सिक्खा विणय समाही य अणिययविहारो। परिणाम चाय सीई भावण संलेहणा चेव . संजमगुणहाणिकरा जरा व, वाहि व्व हुज्ज दुस्सज्झो / उवसग्गो चउवग्गो सुर-नर-तिरिय-ऽप्पणुप्पण्णो सत्तू चारित्तहरा वऽणुकूला जस्स हुज्ज दुस्सज्झा / दुभिक्खपरद्धो वा हुज्जा अद्धाणपब्भट्ठो - 3 // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // // 58 // // 59 //