________________ ते मे खमंतु सव्वे अहमवि तेसिं खमामि. अवराई / मित्ती भावमुवगओ वेरपबंधेण य विमुक्को . // 444 // तह रज्जतलारत्तं गुत्तीपालत्तणं अमच्चत्तं / . लहिउं अईयकाले किं किं न कयं जियाण मए ? // 445 // रणभूमिहया केई, केई ऊसासिया य सेहविया / / आहेडयम्मि वहिया, अन्ने य गहाविया दिव्वं // 446 // दुव्वयणिया य केई; कुंभीपाएण पाइया अन्ने / गुत्तीसु केई छूढा, जणमज्झे धरिसिया अन्ने / // 447 // केई हडीसु खित्ता, अन्ने सूलासु रोविया, अवरे। .. पीलाविया य जंते, पमदिया कडगमद्देण // 448 // संडसिया केइ जिया, अन्ने नियलेहिं दामिया चलणे / / अयसंकलसंकलिया, केई हत्थंडुयनिबद्धा // 449 // काण वि पट्टा गहिया, केई सीयारिया रसंता य / / काण वि हियए अरला दवाविया, तह सिला बहुसो // 450 // सट्टेहिं के वि निहया, नहेसु छुदाई केसि दिन्नाई। काण वि रुएण पूरिय गाढं सीवाविया ओट्ठा // 451 // तिल्लकडाहिसु तलिया, सलिलपवाहे पवाहिया अन्ने / केइ पलीविय वहिया, इगहत्थं दाविआ अवरे // 452 // उब्बंधिया तरूसुं, केई ढिंकुलिसु रोविया विवसा / हिमपाए सिसिरेणं जलेणं सिंचाविया अन्ने // 453 // सिरछिन्ना के वि कया, जीहा-कर-चरण-नासछिन्ना य.। उद्धरियलोयणजुया, काण वि पाडाविया दसणा // 454 // लुयकन्ना के वि कया, उक्खयकेसा य छिनओट्ठउडा / केई सत्थेहिं हया, अन्ने बंधाविया गाढं // 455 // 38