________________ एगंतरोववासाइगुरूयतवतवियतणुयदेहस्स / / एयस्स चेव जम्मो कम्म-महासत्तुसूरस्स . // 301 // परसमयविहाडणतक्कगंथपरमत्थकहणसोंडीरो। स कयत्थो जस्स मई वनिजइ विउसलोएहिं // 302 // एसो समत्थदंसण-पभावणागुणमईहिं संजुत्तो। रयणायरो व्व रेहइ सययं अक्खलियमाहप्पो // 303 // कप्पद्रुमव्व वियरंति जे उ संघस्स कप्पियत्थे उ। .. अणवरयं ते धन्ना सुसावया दंसणुद्धरणा . // 304 // किं बहुणा सव्वेसि जियाण सलहेसु गुणगुण। .. जीव तुज्झ वएसो एसो जइ मज्झत्थं पियं तुज्झ // 305 // तह कुणसु तहा चिट्ठसु तहा धम्मं पनवेसु रे जीव ! / जह राग दोसवेराण निग्गहो होइ नियमेण // 306 // इय सिरिसिद्धंतमहोयहीण सिरिनेमिचंदसूरीणं / उवएसाउ मज्झत्थयाए सिरिदेवसूरीहिं सिरिवीरचंदसूरीण सिस्समित्तेहिं विरइय / एयं सिद्धंतजुत्तिजुत्तं जीवस्सणुसासणं विमलं // 308 // तह सयलागमपरमत्थ-कणयकसवट्टलद्धउवमेहिं / सयलगुणरयणरोहणगिरीहिं जिणदत्तसूरीहिं // 309 // सोहियमेयं अन्नेसिं सूरिपवराण संमयं किंच। जं एत्थ अणागमियं तं गीयत्था विसोहंतु सुहबोहकमलसंडाण सूरबिंबं व बोहणं कुणइ / . पयरणमिणमो इयराण न उण पूयाण वसहा वा // 311 // मज्झत्थभावणाए पढंति चिंतंति जे उ एयत्थं / . ते रायदोसवेरीण निग्गहं कुणहि हेलाए // 312 // . // 307 // // 310 // 26