________________ // 17 // = // 18 // // 19 // // 20 // = = // 21 // // 22 // = सिवमयलमरुयमक्खयमव्वाबाहं सुहं समणुपत्ते / जे तिजगमत्थयत्थे ते सुमरसु संपयं सिद्धे जर-मरणविप्पमुक्के छुहा-तिसाईहि वज्जिए निच्वं / तेलुक्कणमियपाए ते सुमरसु संपयं सिद्धे ईसीपब्भारगए लोयग्गपइट्ठिए य जे निच्चं / दंसण-नाणसमग्गे ते सुमरसु संपयं सिद्धे इय जे परमेट्ठीणं बीयट्ठाणम्मि संठिया सययं / सव्वेसि पि जियाणं हुंति महामंगलं बीयं जे भवियकमलपडिबोहणम्मि अब्भुज्जया महासूरा / देसणकिरिणकराला ते पणमसु सूरिणो इण्हेिं पंचप्पयारआयारकरणनिच्चुज्जया य अन्नेसि / तक्कहणसमुज्जुत्ता ते पणमसु सूरिणो इण्हेिं णाणाचारं फासिति जे उ अट्ठप्पयारपविभत्तं / . काल-विणयाइभेयं ते पणमसु सूरिणो इण्हिं. तह अट्ठपयारं पि य णिस्संकियमाइ दसणायारं / चित्तम्मि धरंति सया ते पणमसु सूरिणो इण्हेिं चारित्तायारं पि हु अट्ठविहं आयरंति जे गुणिणो / समिई-गुत्तिसरूवं ते पणमसु सूरिणो इण्हेिं बारसविहं तवंती तवआयारं समाहिया जे.उ। धीधणियबद्धकच्छा ते पणमसु सूरिणो इण्हिं वीरियआयारं पि हु अyिहियसत्ति-वीरिया धणियं / जे खंडंति न कइय वि ते पणमसु सूरिणो इण्हेिं इय परमेसरपरमेट्ठितइयठाणम्मि जे उ वटुंति / ते तिजगस्स वि सययं हवंति इह मंगलं तइयं // 23 // // 24 // // 25 // // 26 // // 27 // // 28 // 221