________________ जेसिं न विज्जइ रहो अंतो मज्झं च गिरिगुहाईणं / वरकेवलनाणेणं ते अरहंते सरसु इण्डिं // 5 // अहव रहो वा जाणं अंतो य जराइसंभवो नत्थि / जेसिं जयपुज्जाणं ते अरहंते सरसु इण्हेिं // 6 // अहव रहयंति नो जे कहिचि संसारियम्मि वत्थुम्मि / परिखीणपेमभावा ते अरहंते संरसु इण्हेिं जे जंतुबंधुभूए परमसरण्णे य दिव्वनाणधरे / तेलोक्कचहियमहिए ते अरहंते सरसु इण्हेिं // 8 // परमेट्ठीणं पुज्जा पढमा तित्थंकरा महाभागा / सग्गाऽपवग्गजणया ते अरहंते सरसु इण्हेिं इय तेसिं णमोक्कारो कीरंतो सव्वया वि सुहहेऊ। सव्वेसिं सत्ताणं हवइ महामंगलं पढमं // 10 // जेहिं सियं किर दटुं धणियं कम्मिंधणं असेसं पि / झाणानलजोएणं ते सुमरसु संपयं सिद्धे // 11 // इह खविऊण असेसं कम्मं संसारवाससंजणयं / सिद्धिपुरीए पत्ता ते सुमरसु संपयं सिद्धे // 12 // जे य अरूव अगंधा अरस अफासा असद्दया तह य / तेलुक्कुद्धरणसहा ते सुमरसु संपयं सिद्धे // 13 // जे य अकिण्ह अनीला असिय अपीआ अलोहिया तह य / असुगंधा अदुगंधा ते सुमरसु संपयं सिद्धे // 14 // जे य अतित्त अकडुया अकसाया तह अणंबिला चेव.। जे य अमहुरा रसओ ते सुमरसु संपयं सिद्धे // 15 // जे य अगुरुय अलहुए अमिउ अकढिणे अंलुक्खय अणिद्धे / तह य असीय अणुण्हे ते सुमरसु संपयं सिद्धे / // 16 // 220