________________ जीवेण य तं जाओ, जीवावियओ य तं च जीवेणं। संवड्ढिओ जिएणं, जीवेहि य मारिओ बहुसो // 215 // ता जत्थ जत्थ जाओ सच्चित्ता-ऽच्चित्त-मीसजोणीसु / ता तत्थ तत्थ मरणं तुमए रे पावियं जीव ! // 216 // मरणाई अणंताई तुमए पत्ताई जाई रे जीव ! / . सव्वाइं ताई जाणसु अयाणुया ! बालमरणाइं . // :217 // किं तं पंडियमरणं ? 'पंडा' बुद्धि ति, तीए जो जुत्तो / सो 'पंडिओ' त्ति भण्णइ, तस्स हु मरणं इमं होइ // 218 // पायवमरणं एक इंगिणिमरणं लगंडमरणं च। संथारयम्मि मरणं, सव्वाइं णियमजुत्ताई छज्जीवनिकायाणं रक्खापरमं तु होइ जं. मरणं / तं चिय पंडियमरणं, विवरीयं बालमरणं तु // 220 // आलोइयम्मि मरणं जं होही पंडियं तयं भणियं / होइ पडिक्कमणेण य, विवरीयं जाण बालं ति .. // 221 // दंसण-णाण-चरिते आराहेउं हवेज्ज जं मरणं / तं हो पंडियमरणं, विवरीयं बालमरणं ति // 222 // तित्थयराइपणामे जिणवरवयणम्मि वट्टमाणस्स। तं हो पंडियमरणं, विवरीयं बालमरणं तु // 223 / किं वा बहुणा ? एत्थं पंडियमरणेण सग्ग-मोक्खाई / बालमरणेण एसो संसारो सासओ होइ // 224 // एयं नाऊण तुमं रे जीव ! सुहाई नवर पत्थेतो। . चइऊण बालमरणं, पंडियमरणं मरसु एण्डिं // 225 // छेयण-भेयण-ताडण-अवरोप्परभक्खणाई णरएसु / एयाई संभरंतो पंडियमरणं मरसु एण्हेिं // 226 / 202