________________ // 162 // // 163 // // 164 // // 165 // // 166 // // 167 // उच्चार-खेल-पासवण-वंत-सिंघाण-पूइ-रुहिरेसु / विगयकलेवरपिसियाइएसु सब्भावचलिएसु तह इत्थीए सोए पुरिनिद्धमणाइअसुइठाणेसु / सम्मुच्छंति मणुया अंगुलअस्संखभागतणू अंतमुहुत्ताऊया अस्सन्नी मिच्छदिट्ठि अपजत्ता / वहिया जे मुच्छनरा करेमि मिछुक्कडं तेसिं पंचसु विदेहएसुं पंचसु भरहेसु एरवयपणगे / जे कम्मभूमिसु नरा विराहिया ते वि खामेमि हेमवएसुं पंचसु पंचसु हरिवासएसु सुरकुरुसु / पंचसु पंचसु उत्तरकुरूसु तह रम्मपणगम्मि पणएरनवएसुं च अकम्मभूमीसु माणवे महिए / छप्पन्नंतरदीविगमणुए विणिवाइए खामे . इय सव्वमाणवाणं कयं मए खामणं, विगयरागो / अह चउविहदेवाणं तं वित्थरओ करिस्सामि असुरकुमाराईणं भवणवईणं दसण्ह जाईणं / . जं किंचि मए विहियं पडिकूलं तस्स खामेमि तह अंबाईपरमाहम्मियदेवाय भवणवइभेया। पनरसविहे वि य मए दुहम्मि जे ठविय ते खामे अप्पड्डिय-महड्डियवणयरभेयाण सोलसण्हं पि / ' जमणिटुं किंचि कयं तमहं गरिहामि निस्सेसं . तह अन्नजंभगाई दसविह जे केइ वंतरसुरा वि / / वेराणुबंधवसओ पयाविया ते वि खामेमि चंदा सूरा य गहा नक्खत्ता तारगा इ जोइसिया / गइ-ठिइरइयविसेसा अभिंतर-बाहिरा दसहा 15 // 169 // // 170 // // 171 // // 172 // // 173 //