________________ // 96 // // 97 // // 98 // // 99 // // 100 // // 101 // किं च तं नोवभुत्तं मे परिणामासुई सुई ? / दिट्ठसारो सुहं झाइ चोयणेसेव सीयओ तिविहं वोसिरिहि इमो ताहे उक्कोसगाई दव्वाइं / मग्गित्ता जयणाए चरिमाऽऽहारं पदंसिंति पासित्तु ताणि कोई तीरं पत्तस्स किं ममेएहिं ? / वेरग्गमणुप्पत्तो संवेगपरायणो होइ आसाइत्ता कोई तीरं पत्तस्स किं ममेएहिं ? / वेरग्गमणुप्पत्तो संवेगपरायणो होइ / उयरमलसोहणट्ठा समाहिपाणं मणुनमेसो वि / महुरं पज्जेयव्वो मंदं च विरेयणं खवओ एल-तय-नागकेसर-तमालपत्तं ससक्करं दुद्धं / पाऊण कढियसीयल समाहिपाणं तओ पच्छा महुरविरेयणमेसो कायव्वो फुप्फलाइदव्वेहि। . निव्वाविओ उ अग्गी समाहिमेसो सुहं लहइ. आराहणं करितो जइ आयरिओ हविज्ज तो तेण / नाऊण आउकालं चितेयव्वं नियमणम्मि / अणुपालिओ य दीहो परियाओ, वायणा मए दिन्ना / निप्फाइया य सीसा, इण्डिं साहेमि अप्पाणं अव्वोच्छित्तिनिमित्तं ताहे गच्छाणुपालणत्थं चं / नाउं अत्तगुणसमं ठावेई गणहरं धीरो गणहरगुणसंपन्नं वामे पासम्मि ठावइत्ताणं / चुन्नाई छुहइ सीसे सच्चित्ताई य अणुजाणे ठावेऊण गणहरं आमंतेऊण तो गणं सयलं / खामे सबालवुड्ढं पुव्वविरुद्ध विसेसेण // 102 // // 103 // // 104 // // 105 // // 106 // // 107 // .