________________ // 675 // सी-उण्ह-दंस-मसयादियाण दिण्णो परीसहाण उरो / सीयाइनिवारणए गंथे निययं जहण्णेण // 672 // निस्संगो चेव सया कसायसंलेहणं कुणइ साहू / संगो कसायहेऊ अग्गिस्स व होति कट्ठाणि // 673 // सव्वत्थ होइ लहुओ रूवं वेसासियं हवइ तस्स / गरुओ खु संगसत्तो संकिज्जइ चेव सव्वत्थ // 674 // तम्हा सव्वे संगे अणागए वट्टमाणएऽतीए / तं. सव्वत्थ वि वारय कय-कारिय-अणुमईहिं सया एवं कयकरणिज्जो तिकाल-तिविहेण संजओ होइ / आसं तण्हं संगं छिंद ममत्तं च मुच्छं च // 676 // सव्वग्गंथविमुक्को सीईभूओ पसंतचित्तो य / जं पावइ मुत्तिसुहं न चक्कवट्टी वि तं लहइ // 677 // साहंति जं महत्थं, आयरियाइं च जं महल्लेहिं / जं च महल्लाइं तओ महव्वयाइं भवे ताई // 678 // तेसिं चेव वयाणं रक्खटुं राइभोयणनिवित्ती / अट्ठ य पवयणमायाओ भावणाओ य सव्वाओ // 679 // निस्सलस्सेह महव्वयाई अक्खंडनिव्वणगुणाई / उवहम्मंति य ताई नियाणमाईहिं सल्लेहि / // 680 // तत्थ नियाणं तिविहं होइ, पसत्था-ऽपसत्थभोगकयं / तिविहं पि तं नियाणं पलिमंथो सिद्धिमग्गस्स // 681 // संजमहेउं पुरिसत्त-सत्त-बल-विरिय-संघयण-बुद्धी / सावयबंधु-कुलादीणियाणयं होइ उ पसत्थं // 682 // सोहग्ग-जाइ-कुल-रूवमाइ आयरिय-गणहर-जिणत्तं / . पत्थिंते अपसत्थं माणेणं नंदिसेण व्व // 683 // 135