________________ // 396 // // 397 // // 398 // // 399 // // 400 // // 401 // जुत्तो पमाणरइओ उभओकालपडिलेहणासुद्धो। विहिविहिओ संथारो आरुहियव्वो तिगुत्तेणं पियधम्मा दढधम्मा संविग्गा वज्जभीरुणो धीरा। छंदण्णू पच्चइया पच्चक्खाणम्मि य विहिण्णू कप्पाऽकप्पे कुसला समाहिकरणुज्जया सुयरहस्सा। गीयत्था भगवंतो अडयालीसं तुनिज्जमया उव्वत्तण-परिवत्तण-तुयट्टणुट्ठाण-निसियणाईसु / चउरो समाहिकामा ओलग्गंता य विहरंति वज्जित्ता विकहाओ अज्झत्थविराहणीओ पावाओ। . अखलियममिलियमणलियमणुच्चमंदं अपुणरुत्तं निद्धं महुरं हिययंगमं च पल्हायणिज्ज पत्थं च / चत्तारि जणा धम्मं कहति निच्चं विचित्तकहा जुत्तस्स तवधुराए, अब्भुज्जयमरणधेणुसीसम्मि / तह ते कर्हिति धीरा जह सो आराहओ होइ .. चत्तारि जणा भत्तं उवकप्पंति य गिलाणपाउग्गं / छंदियमवगयदोसं अपमाइणो लद्धिसंपण्णा चत्तारि जणा पाणयमुवकप्पंति अगिलाइपाउग्गं / चत्तारि जणा रक्खंति दवियमुवकप्पियं तेहिं काइयमाइ य सव्वं चत्तारि परिझुर्विति खवगस्स। पडिलेहंति य उभओकालं सिज्जुवहि-संथारं खमगस्स घरदुवारं सारक्खंति य जणा उ चत्तारि / चत्तारि समोसरणदुवारं रक्खंति जयणाए जियनिद्दा तल्लिच्छा राओ रक्खंति तह य चत्तारि। चत्तारि गवसंति उ खित्ते देसे पवित्तीओ // 402 // // 403 // // 404 // // 405 // // 406 // // 407 // 112