________________ // 17 // // 18 // // 19 // // 20 // // 21 // // 22 // दसवरिससहस्साई, उक्कोसं सागराणि तित्तीसं / उत्तरवेउव्वियम्मि, लहुय मुहुत्तं गुरुयमेवं अंतोमुहुत्त निरएसु, होइ (मुहुत्त) चत्तारि तिरियमणुएसु / देवेसु अद्धमासो, उक्कोस विउव्वणे कालो आहारगस्स कालो, अंतमुहत्तं जहन्नमुकिट्ठो / तेयसकम्मणरूवे, सव्वेसिमणांइए भणिए भव्वे सपज्जवसिए, अपज्जवसिए अभव्वजीवेसु / अप्पबहुत्तं भणिमो, एगं दो वा जहन्नेणं उक्कोसं नवसहस्सा, आहारसरीरगा हवंति सुए। .. अंतरमस्स जहन्नं, समयं छम्मास गुरु भणियं इत्तो असंख वेउव्विआणि हुंति (य) सरीरगाणि जए / तत्तो असंखगुणिआ, ओरालिअदेहसंघाया तत्तो तेअसकम्मण, हुंति सरीराणि णंतगुणिआणि / वित्थर भेयविआरो, णेअव्वो सुअसमुद्दाओ नरसंखाउयगमणं, रयणाए भवण जाव ईसाणे / ताण तणु जहन्नेणं, परिमाणं अंगुलपहुत्तं ताणठिइ जहन्नेणं, मासपहुत्तं ति होइ नायव्वा / उक्कोस पुव्वकोडी, जेट्ठतणु पंचधणुहसयं / सक्करसणाइएसुं, मणुयाणं तणु जहन्नओ होइ / रयणिपहुत्तं णेअं, उक्कोसं पुव्वभणिअं तु ताण ठिइ जहनेणं, वासपहुत्तं तु होइ णायव्वा / उक्कोसा पुव्वं पिव, आगममाणस्स एमेव धम्माधम्मागासा, जीवा कालो य खायगं चेव। . सासायण उवसमियं, अपुग्गलाई तु एआई. . // 23 // // 24 // // 25 // // 26 // // 27 // // 28 // 84