________________ // 7 // // 8 // // 9 // // 10 // तिरिअनाणमुरालं, वेउव्वं देवनारगाणं च / सिरियनराणं पि तहा, तल्लद्धिजुयाए तं भणियं चउदसपुग्विजईणं, होइ. आहारगं न अन्नेसि / तेअं कम्मण भणियं, संसारत्थाण जीवाणं ओरालियस्स विसओ, तिरियं विज्जाहराणमासज्ज / आनंदीसर गुरुओ, जंघाचरणाण आरुयगो उड्ढे उभयाणं पिय, आपंडगवणं सुए सया भणिओ / वेउब्वियस्स विसओ, असंखदीवा जलहिणो य आहारगस्स विदेहा, तेयाकम्माण सव्वलोगो य / ओरालियस्स कज्जं, केवलधम्माइयं भणियं थुलसुहुमं च रूवं एगअणेगाइ कज्जयं कहियं / वेउव्वियस्स आहारगस्स संदेहविच्छेयं तेजससरीरकज्जं, आहारपायं सुए समक्खायं / सावाणुग्गहणं पुण कम्मणस्स भवंतरे गइयं / ओरालियं सरीरं जोयणदससयपमाणओ अहियं / वेउव्वियं च गुरुअं जोअणलक्खं समहियं वा आहारगं सरीरं, हत्थपमाणं सुए समक्खायं / तेयसकम्मणमाणं, लोयपमाणं सया भणियं अस्संखपएसठियं, ओरालिययं जिणेण वज्जरियं / इत्तोय बहुयरेसुं चवियं वेउव्वियसरीरं : एहितो अप्पम्मि, पएसवग्गे तईय वज्जरियं / सव्वे लोगागासे, तेयसकम्माण गाहणयं अंतोमुत्त लहुयं, ओरालियआउमाण संगहियं / गुरुयं तिपल्लमुत्तं, वेउव्वे अह भणिस्सामि // 11 // // 12 // // 13 // // 14 // // 15 // 43