________________ एवं पुंभं न कुणइ, सक्खा वज्जइ किमिह चुज्जं तु / वड्लेइ य तद्दव्वं, विसुद्धभावो सयाकालं // 94 // अत्थे पुण कोसल्लं, अवंझफलयं धरेइ सो भंडं / कामे पुण कोसल्लं, अणुणेइ पियं पयत्तेणं // 95 // पहाणेइ भोगकाले, मुहसुद्धि कारवेइ वेसित्थिं / उल्लवइ न सब्भावं, इत्थीपुरओ सयाकालं // 96 // लोगे पुण कोसल्लं, करेइ मित्तिं पहाणलोगेण / बच्चइ रायासनं, उवयरइ य सया वि सब्भावा // 97 // न भणइ अवण्णवायं, रायाईणं समक्खमसमक्खं / परिहरइ विवक्खं, से संतगुणुच्चारणं कुणइ // 98 // सुय-जम्म-जाइसमहिय, जणाण सययं समक्खमसमक्खं / संतगुणे उ पसंसइ, अवराहं फुसइ जत्तेणं // 99 // भावे कोसल्लं पुण, जाणइ भावं स बज्झचिट्ठाहिं / अहिणवधम्माईणं, थिरतणं कुणइ नाऊणं // 100 // आयारिंगियकुसलो, कलत्तवेसाण जाणए भावं / रक्खइ सव्वपयत्ता, अप्पाणं कम्मणाईणं // 101 // जाणइ एस अणत्थं, काहि रिणिओ खरेण रुझंतो / अणुवत्तेइ न जुज्झइ, तत्तियमित्तं गयं चेव // 102 // अन्नस्स वि परिकुवियं, रायाणं विनवेइ नो तन्नू / संतुट्ठसुप्पसन्नं, भणइ सयं भाणइ परेण . // 103 //