________________ // 82 // अविहिकया वरमकयं, असूयावयण भणन्ति समयण्णू / पायच्छित्तं अकए, गरुयं वितहंकए लहुयं नरगाई मंस-रुहिराइ,-वण्णणं जं पसिद्धिमित्तेणं / .... भयहेउ इहर तेसिं, वेउव्वियभावओ न तयं .. // 83 // विसयविभागेणं पुण, सुत्तं किंचि जहा उ आयारे / जुण्णं उवगरणं जह, हेमंताइक्कमे निसरे // 84 // चोद्दस उवगरणाई, अवस्समुत्ताई ताव जं तेसिं। विसए निवडइ एयं, जिणकप्पीणं अओ तं तु // 85 // अन्नम्मि उवकंते, पसंगओ जत्थ साहए अन्नं / . .. तं खलु कडक्खवयणं, न होइ तं पत्थुयमवस्सं // 86 // पडिवज्जह जिणदेवं, विरओ देसेण सव्वओ वा वि। . . एयं सहावभणियं, जाणइ सो सुत्तकोसल्ला // 87 // सामण्णविही भणिओ, उस्सग्गो तव्विसेसिओ इयरो / पाणिवहाइनिवित्ती, तिविहं तिविहेण जाजीवं // 88 // पुढवाइसु आसेवा, उप्पन्ने कारणम्मि जयणाए / मिगरहियस्स ट्ठियस्स, अववाओ होइ नायव्वो // 89 // सव्वण्णुप्पामण्णा, दुण्णि वि एए समासओ मुक्खं / मिस्सं पत्ता सेवण, कोसलं इत्थ नायव्वं // 90 // ववहारे कोसलं, धम्मे अत्थे य काम लोगे य / धम्मे कुतित्थिवज्जण, कुतित्थिबिंबाण विक्किणणं // 91 // वज्जेइ चेइयालय-दव्वं अंगोवरिम्मि उद्धारं / साहारणं च एवं, जाउ से पुंभयं लेइ // 92 // तद्दव्वरिणियजायण, विट्ठीए सगड-बइल-मंणुयाणं / अहवा वि खरालण्डिं, करेइ तद्दव्वकयगाणं ' // 93 // 78