________________ // 27 // // 28 // // 29 // // 30 // // 31 // द्वितीयं स्थानम् सीलत्तं पुण छद्धा, निच्चं आययणसेवणा पढमं / आययणं पुण साहू, पंचविहायारसंपन्नं वज्जेइ अणाययणं, वेसित्थि दुगुंछिए कुतित्थी य / बीयं पुण ठाणमिणं, किड्डापरिवज्जणं कुणइ चउरंगसारिपट्टिय-वेहाईलावगाइजुद्धाई / पण्हुत्तरजमगाई, छलियाई वज्जए निच्चं तईयं उस्सग्गेणं, परघरगमणं विवज्जए एसो। सुन्नेगित्थीसहियं, विसेसओ दोससब्भावा . मयणाउरदिट्ठीए, परजुवइनिरिक्खणं विवज्जेइ / / परिहासकहं वज्जइ, एगो एगित्थिए सद्धिं महुरमणवज्जमणलिय-मबाहयं इह परत्थ हियकारि / वयणं भासइ कज्जे, विकियं परिहरइ जत्तेणं विकियं विकारवन्तं, इहपरलोयाण दोससंजणयं / इहलोयदोसहेऊ, रे मारियदासविसल त्ति रे असुयपुत्त ! माइय, मायां ते एरिसी कया हुज्जा / एवं खरफरुसहओ, मारिज्ज व तं दुभासिल्लं एसो चोरो जारो, निही य लद्धो इमेण निब्भंतो / एसो रायविरोही, मांसक्खाई इमो सो उ तेहि व तन्नियगेहि व, मारिज्जइ सो वि दुक्खमारेण / अहवा अवरो वि इमो, भेओ इह विकियवयणम्मि पाविट्ठा रायाणो, दसवेससम त्ति जं सुए भणियं / रायगुरू सुरपाई, दासीए पई गुरू कह णु // 32 // // 33 // // 34 // // 35 // // 36 // // 37 //