________________ // 102 // // 103 // // 104 // // 105 // // 106 // // 107 // संसइयं मिच्छत्तं, जा संका जिणवरुत्ततत्तेसु / विगलिंदियाण जं पुण, तमणाभोगं ति निर्द्धि जा इंदिएसु पंचसु, मणे तहा छसु य जीवकाएसु / . अनिवित्ती सा नेया, बारसहा अविरई एत्थ सोलसकसायनवनोकसायजोगे कसायपणुवीसा / मणवयणकायजोगा, चउरो चउरो सत्त य हवंति सच्चं मोसं मीसं, असच्चमोसं मणं चउद्धा उ। ' एवं वई वि चउहा, ओरालाई य काओगो ओरालियतम्मीसा, विउव्वतम्मीसिया य आहारे / तम्मीसो कम्मइगो, काओगो सत्तहा एवं पंचदुवालसपणुवीसपन्नरसभेयजोगओ होति / सत्तावण्णं भेया, मिच्छाईबंधहेऊणं . मोक्खानण्णा सिद्धा, जं तो मोक्खे परूवियव्वम्मि। सिद्धा परूवियव्वा, तब्भणणे सो हु भणिओ त्ति संतपयपरूवणया, दव्वपमाणं च खेत्त फुसणा य / कालो य अंतरं भागभावअप्पाबहुं चेव . सत्ताभिहायगपयं, संतपयं तं च होइ अस्थि ति / गइयाईसु पएसुं, सिद्धाण तयं भणेयव्वं गइइंदिए य काए, जोए वेए कसाय नाणे य.। संयमदंसणलेसा, भवसम्मे सन्नि आहारे तत्थ य सिद्धा पंचमगईए नाणे य दंसणे सम्मे / संति त्ति सेसएसुं, पएसु सिद्धे निसेहिज्जा / दव्वपमाणेऽणन्ता, सिद्धाखेत्तम्मि ते समोगाढा / लोगस्स असंखेज्जइभागे सव्वे वि एक्को वा 30 // 108 // // 109 // // 110 // // 111 // // 112 // // 113 //