________________ तं चिय सविसेसयरं, फुसंति जं फासओ वि फुसण त्ति / एकं पडुच्च कालो, साई य अपज्जवसिओ य // 114 // नत्थि उ अंतरमेसि, भागे जीवाणऽणंतिमे ते उ। .. खइयपरिणामिएसुं, भावेसुं हुंति सिद्धा उ // 115 // थोवाऽणंतरसिद्धाऽणंतगुणा सिं परंपरासिद्धा। खेत्ताईसु य सिद्धा, पुवावस्थाए नेयव्वा // 116 // खेत्ते काले गइ लिंगतित्थचारित्तबुद्धनाणाइं / अवगाहंतरसंखा, अप्पाबहुयं च सिद्धेसु . // 117 // खेत्तम्मि मणुयखेत्तेऽणंतरभावेण लहइ सिद्धत्तं / . . . उस्सप्पिणिओसप्पिणि-अणुभयरूवे य कालम्मि // 118 // उस्सप्पिणिओसप्पिणिकालो भरहाइदससु खेत्तेसु / अणुभयरूवो कालो, सेसम्मि उ मणुयखेत्तम्मि मणुयगईए सिज्झइ, इत्थीलिंगाइएसु य तिसुं पि / नियलिंगअन्नलिंगे, गिहिलिंगे चेव दव्वम्मि // 120 // भावे उ सलिंगे च्चिय, तित्थे सिझंति तित्थविरहे य।। अहखाइ च्चिय चरणे, बुद्धा उ सयं च परओ वा // 121 // नाणम्मि केवलंमी, उक्कोसजहन्नओ सरीरे य। पंचधणुस्सयमाणम्मि सत्तहत्थप्पमाणे य // 122 / / अन्तरमेगं समयं, जहन्नओ इयरओ उ छम्मासा / एवं समयाण दुर्ग, अणंतरं अट्ठयं तह य // 123 // समयेणेगो सिज्झइ, जहण्णओ इयरओ उ अट्ठसयं / . अप्पबहुं पुण सिद्धाण खेत्तमाईसु नेयव्वं // 124 // संहरणेणं सिद्धा, थोवा किल जम्मओ असंखगुणा / उड्ढे थोवा हेट्ठाऽसंखगुणा तिरियमेमेव // 125 // 30