________________ // 139 // || 140 // // 141 // . // 142 // // 143 // // 144 // पढमबितियादिपुव्वक्कमेण तह उडुपभस्स पुव्वेण / विज्जा नामविभत्ति, एगट्ठीए विमाणाणं सत्थिय सिरिवच्छे वद्धमाणए अंकुसे झसे य जवे / छत्ते विमले कलसे, उसभे सीहे समे सुरभी जसहर सव्वओभद्दे, विमले सोवत्थिए सुभद्दे य / . अरए विरए सुप्पभ, इंद महिंदे उविदे य . कमले कुमुदे णलिणे, उप्पल पउमे य पोंडरीए य / सोगंधिए तिगिच्छि य, केसर चंपग असोए य सोमे सूरे सुक्के, णक्खत्ते चंदणे ससी मलए। णंदण सोमणसे या, सारसमुद्दे सिवे धम्मे वेसमणंबरकणया, बोधव्वे लोहियक्खणामे य / णंदीसरे अमोहे, जलकंते सूरकते य अव्वाबाहे दोगुंदए य सिद्धत्थकुंडले सोमे / एते एगट्ठी खलु, पुव्वावलिए विमाणिंदा .. मज्झा दाहिणपासे, आवत्ता अवरओ मुणेयव्वा / सिट्ठा उत्तरपासे, पुव्विल्लाओ विभइयव्वा इट्ठा वा सुभगा वा, णामा जे केइ अस्थि लोगम्मि / तन्नामगा विमाणा, भवंति वेमाणियसुराणं पंचेव हवदि आदी, चत्तारि य उत्तरं मुणेयव्वं / बावट्ठिमेव गच्छो, विमाणवलि तत्तिया चेव गच्छुत्तरसंवग्गे, उत्तरहीणम्मि पक्खिवे आदि / अंतिमधण आदिजुयं, गच्छद्धगुणं तु सव्वधणं जहिं पथडम्मि इच्छसि, सव्वविमाणाण सव्वसंखेवं / तं बावट्ठिविसुद्धं, चउगुणिय सपंचगं पयरं // 145 // // 146 // // 147 // // 148 // // 149 // // 150 // 288