________________ // 151 // // 152 // // 153 // // 154 // // 155 // // 156 // जावइयं इच्छेज्जा, तावइयं चउहि संगुणं काउं / एगं तत्थ छुभित्ता, तावइयाई विमाणाई / इच्छा चउसंगुणिया, रूवजुया पत्थडे तति विमाणा / रूवूणा य विमाणा, चउभइया पत्थडं जाण / इच्छा चउसंगुणिया, रूवहिया ऊणिया य पणगेणं / पढममुहाओ सुद्धा, माणं तं इट्ठपयरम्मि उद्दिष्टुं रूवूणं, चउभइयं तं भवेज्ज एगदिसं / उवरिल्लाओ तइमं, च पत्थडं तं वियाणाहि पढममुहाओ सोहिय, इट्ठविमाणाइ चउहि सेस भए / लद्धं रूवेणहियं, इट्ठविमाणाण तं पयरं दोण्णि सय अउणपण्णा, सत्ताणउयं सयं च बोधव्वं / अउणापण्णं च सयं, सयमेगं पण्णुवीसं च पंचुत्तरसयमेगं, अउणाणउई य होइ बोधव्वा / . तेवत्तरि सगवण्णा, ईयालीस य हेट्ठिमए . अउणत्तीसा य भवे, सत्तरस य पंच चेव आदीओ। कप्पेसु पत्थडाणं, चउरहिया भूमि पुव्विल्ला सगपयरा रूवूणा, चउगुणिया सोहयाहि समुहाओ। जं तत्थ सुद्धसेसं, इच्छियकप्पस्स सा भूमी एगहिया दोण्णि सया, तेवण्णसयं सयं च उणतीसं / तत्तो नवाहिथसयं, तिणवइ सत्तत्तरी चेव . एगट्ठी पणयाला, तेत्तीसा एक्कवीस णव चेव / कप्पेसु पत्थडाणं, भूमीओ होंति णायव्वा बत्तीस अट्ठवीसा, बारस अट्ठ चउरो सयसहस्सा / पण्णा चत्तालीसा, छ च्च सहस्सा सहस्सारे // 157 // // 158 // // 159 // // 160 // // 161 // // 162 // ' 289