________________ दिट्ठिदुगाउगछग्गति तणुचोद्दसगं च तित्थगरमुच्चं / दुविहं पढमकसाया होंति चउद्धा तिहा सेसा .. // 420 // छउमत्ता चउदस दुचरमसमयम्मि अस्थि दो निद्दा / : बद्धाणि ताव आऊणि वेइयाई ति जा कसिणं // 421 // तिसु मिच्छत्तं नियमा अट्ठसु ठाणेसु होइ भइयव्वं / / आसाणे सम्मत्तं नियमा सम्मं देससु भज्जं // 422 // बिइयतईएसु मिस्सं नियमा ठाणनवगम्मि भयणिज्जं / संजोयणा उ नियमा दुसु पंचसु होइ भइयव्वं // 423 // खवगानियट्टिअद्धा संखिज्जा होति अट्ठ वि कसाया। .. निरयतिरियतेरसगं निद्दानिद्दातिगेणुवरि // 424 // अपुमित्थीए समं वा हासच्छक्कं च पुरिससंजलणा। पत्तेगं तस्स कमा तणुरागतो त्ति लोभो य // 425 // मणुयगइजाइतसबायरं च पज्जत्तसुभगआएज्जं / जसकित्ती तित्थयरं वेयणिउंच्वं च मणुयाणं // 426 // भवचरिमस्समयम्मि उ तम्मग्गिल्लसमयम्मि सेसाउ। आहारगतित्थयरा भज्जा दुसु नत्थि तित्थयरं // 427 // पढमचरिमाणमेगं छत्रवचत्तारि बीयगे तिन्नि / वेयणियाउयगोएसु दोन्नि एगो त्ति दो होंति // 428 // एगाइ जाव पंचगमेक्कारस बार तेरसिगवीसा / बिय तिय चउरो छस्सत्त अट्ठवीसा य मोहस्स // 429 // तिनेग तिगं पणगं पणगं पणगं च पणगमह दोन्नि। . दस तिन्नि दोन्नि मिच्छाइगेसु छ जावोवसंतो ति // 430 // संखीणदिट्ठिमोहे केई पणवीसई पि इच्छंति / संजोयणाण पच्छा नासं तेसिं उवसमं च // 431 // 264