________________ // 408 // // 409 // // 410 // // 411 // // 412 // // 413 // ओहीण संजमाओ देवत्तगए गयस्स मिच्छत्तं / उक्कोसठिईबंधे विकड्डणा आलिगं गंतुं वेयणियंतरसोगारउच्च ओहि व्व निद्दपयला य / उक्कस्स ठिईबंधा पडिभग्गपवेइया नवरं वरिसवरतिरियथावरनीयं पि य मइसमं नवरि तिन्नि / निद्दानिद्दा इंदियपज्जत्ती पढमसमयम्मि दंसणमोहे तिविहे उदीरणुदए उ आलिगं गंतुं / सत्तरसण्ह वि एवं उवसमइत्ता गए देवे चउरुवसमित्तु पच्छा संजोइय दीहकालसम्मत्ता / मिच्छत्तगए आवलिगाए संजोयणाणं तु इत्थीए संजमभवे सव्वनिरुद्धम्मि गंतु मिच्छत्तं / देवीए लहुमिच्छी जेट्ठठिइ आलिगं गंतुं . अप्पद्धाजोगचियाणाऊणुक्कस्सगठिईणंते / उवरिं थोवनिसेगे चिरतिव्वासायवेईणं संजोयणा विजोइय देवभव जहन्नगे अइनिरुद्धे / बंधिय उक्कस्सठिई गंतूणेगिदिया सन्नी सव्वलहुं नरयगए निरयगई तम्मि सव्वपज्जत्ते / अणुपुव्वीओ य गईतुल्ला नेया भवादिम्मि देवगई ओहिसमा नवरिं उज्जोयवेयगो ताहे। . आहार जाय अइचिरसंजममणुपालिऊणते सेसाणं चक्खुसमं तम्मि व अन्नम्मि व भवे अचिरा / तज्जोगा बहुगीओ पवेययंतस्स ता ताओ मूलुत्तरपगइगयं चउव्विहं संतकम्ममवि नेयं / धुवमद्धवणाईयं अट्ठण्हं मूलपगईणं 263 // 414 // // 415 // // 416 // // 417 // // 418 // // 419 //