________________ // 396 // // 397 // // 398 // // 399 // // 400 // // 401 // तिन्नि वि पढमिल्लाओ मिच्छत्तगए वि होज्ज अन्नंभवे / पगयं तु गुणियकम्मे गुणसेढीसीसगाणुदये आवरणविग्घमोहाण जिणोदइयाण वा वि नियगंते / लहुखवणाए ओहीणऽणोहिलद्धिस्स उक्कस्सो ? उवसंतपढमगुणसेढीए निदादुगस्स तस्सेव। .. पावइ सीसगमुदयंति जा य देवस्स सुरनवगे . मिच्छत्तमीसणंताणुबंधिअसमत्तथीणगिद्धीणं / तिरिउदएगंताण य बिइया तइया य गुणसेढी . अंतरकरणं होहि त्ति जा य देवस्स तं मुहत्तंतो। . अट्ठण्ह कसायाणं छण्हं पि य नोकसायाणं हस्सठिई बंधित्ता अद्धाजोगाइठिइनिसेगाणं / उक्कस्सपए पढमोदयम्मि सुरनारगाऊणं अद्धाजोगुक्कोसो बंधित्ता भोगभूमिगेसु लहुं / सव्वप्पजीवियं वज्जइत्तु ओवट्टिया दोण्हं दूभगणाएज्जाजस गइदुगअणुपुब्वितिगसनीयाणं / दंसणमोहक्खवणे देसविरइ विरइ गुणसेढी संघयणपंचगस्स य बिइयाई तिनि होति गुणसेढी / आहारगउज्जोयाणुत्तरतणु अप्पमत्तस्स बेइंदिय थावरगो कम्मं काऊण तस्समं खिप्पं / आयवस्स उ तव्वेइ पढमसमयम्मि वÉतो पगयं तु खवियकम्मे जहन्नसामी जहन्नदेवठिइ / भिन्नमुहुत्ते सेसे मिच्छत्तगओ अइकिलिट्ठो कालगएगिदियगो पढमे समये व मइसुयावरणे / केवलदुगमणपज्जवचक्खुअचक्खूण आवरणा . 262 // 402 // // 403 // // 404 // // 405 // // 406 // // 407 //