________________ सम्मद्दिट्ठी जीवो उवइ8 पवयणं तु सद्दहइ / सद्दहइ असब्भावं अजाणमाणो गुरुनियोगा // 336 // मिच्छद्दिट्ठी नियमा उवइटुं पवयणं न सद्दहइ / सद्दहइ असब्भाव उवइ8 वा अणुवइटुं // 337 // सम्मामिच्छद्दिट्ठी सागारे वा तहा अणागारे / अह वंजणोग्गहम्मि य सागारे होइ नायव्वो // 338 // वेयगसम्मद्दिट्टी चरित्तमोहुवसमाए चिटुंतो / अजओ देसजई वा विरओ व विसोहिअद्धाए // 339 // अन्नाणाणब्भुवगमजयणाहजओ अवज्जविरईए। एगव्वयाई चरिमो अणुमइमित्तो त्ति देसजई // 340 // अणुमइविरओ य जई दोण्ह वि करणाणि दोण्णि न उ तइयं / पच्छा गुणसेढी सिं तावइया आलिगा उप्पिं // 341 // परिणामपच्चया उ णाभोगगया गया अकरणा उ। गुणसेढी सिं निच्चं परिणामा हाणिवुड्डिजुया // 342 // चउगइया पज्जत्ता तिन्नि वि संयोयणा विजोयंति / करणेहिं तीहिं सहिया नंतरकरणं उवसमो वा // 343 // दंसणमोहे वि तहा कयकरणद्धाइ पच्छिमे होइ / जिणकालगो मणुस्सो पट्ठवगो अट्ठवासुप्पिं . // 344 // अहवा दंसणमोहं पुव्वं उवसामइत्तु सामन्ने / . . पढमठिईमावलियं करेइ दोण्हं अणुदियाणं // 345 // अद्धापरिवित्तीओ पमत्त इयरे सहस्ससो किच्चा / करणाणि तिन्नि कुणए तइयविसेसे इमे सुणसु // 346 // अंतोकोडाकोडी संतं अनियट्टिणो य उदहीणं / बंधो अंतोकोडी पुव्वकमा हाणि अप्पबहू // 347 // પ .