________________ निव्वयणमवि ततो से ठिइरसघायठिइबंधगद्धाउ। गुणसेढी वि य समगं पढमे समये पवत्तंति // 324 // उयहिपुहुत्तुक्कस्सं इयरं पल्लस्सऽसंखतमभागो / ठिइकंडगमणुभागाणणंतभागा मुहुत्तंते - // 325 // अणुभागकंडगाणं बहुहिं सहस्सेहिं पूरए एकं / ठिइकंडसहस्सेहिं तेसिं बीयं समाणेहिं . // 326 // गुणसेढी निक्खेवो समये समये असंखगुणणाए / अद्धादुगाइरित्तो सेसे सेसे य निक्खेवो // 327 // अनियट्टिम्मि वि एवं तुल्ले काले समा तओ नामं / .. संखिज्जइमे सेसे भिन्नमुहुत्तं अहो मुच्चा // 328 किंचूणमुहत्तसमं ठिइबंधद्धाइ अंतरं किच्चा। आवलिदुगेक्कसेसे आगाल उदीरणा समिया // 329 // मिच्छत्तुदए खीणे लहए सम्मत्तमोवसमियं सो / लंभेण जस्स लब्भइ आयहिंयमलद्धपुव्वं जं . // 330 तं कालं बीयठिई तिहाणुभागेण देसघाइत्थ / सम्मत्तं सम्मिस्सं मिच्छत्तं सव्वघाईओ // 331 // पढमे समए थोवो सम्मत्ते मीसए असंखगुणो। अणुसमयमवि य कमसो भिन्नमुहुत्ता हि विज्झाओ // 332 // ठिइरसघाओ गुणसेढी वि य तावं पि आउवज्जाणं / पढमठिइए एगदुगावलिसेसम्मि मिच्छत्ते // 333 // उवसंतद्धा अंते विहिणा ओकड्डियस्स दलियस्स। . . अज्झवसाणणुरूवस्सुदओ तिसु एक्कयरयस्स // 334 // सम्मत्तपढमलंभो सव्वोवसमा तहा विगिट्ठो य। छालिगसेसाइ परं आसाणं कोइ गच्छेज्जा // 335 //