________________ ठिइकंडगमुक्कस्सं पि तस्स पल्लस्सऽसंखतमभागो। ठिइबंधबहुसहस्से सेक्ककं जं भणिस्सामो . - // 348 // पल्लदिवड्डबिपल्लाणि जाव पल्लस्स संखगुणहाणी / मोहस्स जाव पल्लं संखेज्जइभागहाऽमोहा - // 349 // तो नवरमसंखगुणा एक्कपहारेण तीसगाणमहो। मोहे वीसग हेट्ठा य तीसगाणुप्पिं तइयं च / // 350 // तो तीसगाणमुप्पिं च वीसगाई असंखगुणणाए / तइयं च वीसगाहि य विसेसमहियं कमेणेति // 351 // अहुदीरणा असंखेज्जसमयबद्धाण देसघाइ त्थ / ..... दाणंतराय मणपज्जवं च तो ओहिदुगलाभो // 352 // सुयभोगाचक्खूओ चक्खू य ततो मई सपरिभोगा। विरियं च असेढिगया बंधंति उ सव्वघाईणि // 353 // संजमघाईणंतरमेत्थ उ पढमट्ठिई य अन्नयरे / संजलणावेयाणं. वेइज्जंतीण कालसमा // 354 // दुसमयकयंतरे आलिगाण छण्हं उदीरणाभिनवे / मोहे एक्कट्ठाणे बंधुदया संखवासाणि // 355 // संखगुणहाणिबंधो एत्तो सेसाण संखगुणहाणी / पढमसमए नपुंसं असंखगुणणाइ जावंतो // 356 // एवित्थी संखतमे गयम्मि घाईण संखवासाणि / संखगुणहाणि एत्तो देसावरणाणुदगराई // 357 // ता सत्तण्हं एवं संखतमे संखवासितो दोण्हं / बिइयो पुण ठिइबंधो सव्वेसिं संखवासाणि // 358 // छस्सुवसमिज्जमाणे सेक्का उदयट्ठिई पुरिससेसा। समऊणावलिगदुगे बद्धा वि य तावदद्धाए // 359 // 258