________________ सत्तरसुत्तरमेगुत्तरं तु चोहत्तरी उ सगसयरी। / सत्तट्ठी तिगसट्ठी गुणसट्ठी अट्ठवण्णा य . .. // 980 निदादुगे छवण्णा छव्वीसा नामतीस विरमम्मि। . हासरईभयकुच्छा विरमे बावीसऽपुव्वम्मि * // 981 // पुंवेयकोहमाइसु अबज्झमाणेसु पंच ठाणाणि / / बारे सुहमे सत्तरस पगतीओ सायमियरेसु // 982 // मिच्छो नरएसु सयं छावई सासणो सयरि मीसो / बावत्तरं तु सम्मो चउसइसु बंधति अतित्था // 983 // मणुयदुगुच्चागोयं भवपच्चयओ न होइ चरिमाए। गुणपच्चइयं तु बज्झइ मणुआउ न सव्वहा तत्थ // 984 // सामण्णसुरा जोग्गा आजोइसियां न बंधति सतित्था / इगिथावरायवजुया सणंकुमारा न बंधति // .985 // तिरितिगउज्जोवजुआ आणयदेवा अणुत्तरसुरा उ। अणमिच्छणीयदूभग थीणतिगं अपुमथीवेयं // 986 // संघयणा संठाणा पणपण अपसत्थविहगइ न तेसिं / पज्जत्ता बन्धंति उ देवाउमसंखवासाऊ // 987 // तित्थायवउज्जोवं नारयतिरिविगलतिगतिगेगिंदी। आहारथावरचऊ आऊण असंखऽपज्जत्ता // 988 // पज्जत्तिगया दुभगतिगणीयअपसत्थविहनपुंसाणं / संघयणउरलमणुदुगपणसंठाणाण अब्बंधा // 989 // किण्हाइतिगे अस्संजमे य वेउविजुगे न आहारं / बन्धइ न उरलमीसे नरयतिगं छ?ममराउं - // 990 // कम्मगजोमि अणहारगे य सहिया दुगाउ णेयाओ। . सगवण्णा तेवट्ठी बन्धइ आहारमुभयेसु // 991 // 26