________________ // 992 // तेऊलेसाईया बंधंति न नरयविगलसुहुमतिगं / सेगिदिथावरायव तिरियतिगुज्जोय नव बार सुयदेविपसायाओ पगरणमेयं समासओ भणियं / समयाओ चंदरिसिणा समईविभवाणुसारेणं // 993 // // 1 // // 2 // // 3 // // 4 // परिशिष्टं अधिकाश्चगाथाः चत्तारि वीस सोलस भंगा एगिदियाण चत्ताला / एगट्ठ अट्ठ विगलिदियाण इगवण्ण तिण्हं पि गुणतीसे तीसे वि य भंगाणट्ठाहिया छायालसया / पंचिंदियतिरिजोगे पणुवीसे बन्धभंगेक्कं पणवीसयम्मि एक्को छायालसया अडुत्तरिगुणतीसे / मणुजोगट्ठ उ सव्वे छायालसया य सत्तरसा अट्ठट्ठ एक्क एक्कग भंगा अट्ठार देवजोगेसु। . एक्को नारयजोगे एक्को उ जसकित्तिभंगाओ. तेरस सहस्सनवसय पणयालं भंगयाण बन्धम्मि / नामस्स उदयसंखा पणयालठ्ठत्तरिसयाओ एगिदिय उदएसुं पंच य एक्कार सत्ततेरसयं / छक्कं कमसो भंगा बायाला हुंति सव्वे वि तिगतिगदुगचउछच्चउ विगलाण छसट्ठि.होइं तिण्हं पि / अद्भुट्ठ सोल सोलस अट्ठ वेउव्वितिरियस्स नव नवसीया दोसय पंचच्छावत्तरी य पण तिरिए / ते दुगुणतिगुणदुगुणा गुणतीसाईसु उदएसु नव नवसीया दोसय छावत्तर पंचपंच उदयदुगे। एक्कारस्स य बावन्न नराण उदएसु भंगसया // 6 // // 7 // // 8 // // 9 // 20.