________________ // 825 // // 826 // // 827 // // 828 // // 829 // उवसमसम्मत्तद्धा अंतो आउक्खया धुवं देवो / जेण तिसु आउएसुं बद्धेसु न सेढिमारुहइ सेढी पडिओ तम्हा छडावली सासणो वि देवेसु / एगभवे दुक्खुत्तो चरित्तमोहं उवसमेज्जा दुचरिसमये नियगोदयस्स इत्थी नपुंसगोऽन्नोन्नं / समइत्तु सत्त पच्छा किंतु नपुंसो कमारद्धे मूलुत्तरकम्माणं पगडीठितिमादि होइ चउभेया / देसकरणेहिं देसं समेइ जं देससमणा तो उव्वट्टणओवट्टणसंकमकरणाई हुंति नन्नाई / देसोवसामिअस्सा जाऽपुव्वो सव्वकम्माणं खवगो व सामगो वा पढमकसायाण दंसणतिगस्स / देसोवसामगो सो अपुव्वकरणंतगो जाव साइयमाइ चउद्धा देसुवसमणा अणाइसंतीणं / . मूलुत्तरपगईणं साईअधुवा उ धुवाओ गोयाउयाण दोण्हं चउत्थ छट्ठाण होइ छ सतण्हं / साइयमाइ चउद्धा सेसाणं एगठाणस्स उवसामणा ठिईए उक्कोसा संकमेण तुल्लाओ / इयरावि किंतु अभव्व उव्वलग अपुव्वकरणेसु अणुभागपएसाणं सुभाण जा पुव्वमित्थ इयराणं / / उक्कोसियरं अभविय एगिदी देससमणाए // 830 // / / 831 // // 832 // // 833 // // 834 // .. निद्धत्ति-निकाचनाकरण देसुवसामणतुल्ला होइ निहत्ती निकायणा नवरि / संकमणं पि निहत्तीए नस्थि सव्वाणि इयरीए // 835 // 213