________________ // 730 // // 731 // देवनिरयाउयाणं जहनजे?ट्टिई गुरुअसाए / इयराऊणं इयरा अट्ठमवासेऽट्ठवासाऊ एगंतेणं चिय जा तिरिक्खजोग्गाओ ताण ते चेव / नियनियनामविसिट्ठा अपज्जनामस्स मणु सुद्धो जोगंतुदीरगाणं जोगते दुसरसुसरसासाणं / नियगंते केवलीणं सव्वविसुद्धस्स सेसाणं तप्पाओगकिलिट्ठा सव्वाणं होंति खवियकम्मंसा / ओहीणं तव्वेई मंदाइ सुही य आऊणं // 732 // // 733 // // 734 // // 735 // // 736 // उपशमनाकरण देसुवसमणा सव्वाण होइ सव्वोवसामणा मोहे। अपसत्थपसत्था जा करणुवसमणाए अहिगारो सव्वुवसमणा जोगो पज्जत्तपणिदिसण्णिसुभलेसो / परियत्तमाणसुभपगइबन्धओऽतीव सुज्झंतो असुभसुभे अणुभागे अणंतगुणहाणिवुड्डिपरिणामो / अंतो कोडाकोडी ठिइओ आउं अबंधतो बंधादुत्तरबंध पलिओवमसंखभागऊणूणं / . सागारे उवओगे वढ्तो कुणइ करणाई पढमं अहापवत्तं बीयं तु नियट्टि तइयमणियट्टी / अंतोमुहुत्तियाई. उवसमअद्धं च लहइ कमा ... आइल्लेसुं दोसुं जहण्णउक्कोसिआ भवे सोही / जं पइसमयं अज्झवसाया लोगा असंखेज्जा पइसमयमणंतगुणा सोही उड्डामुही तिरिच्छाओ / छट्ठाणा जीवाणं तइए उड्डामुही एक्का 205 // 737 // // 738 // // 739 // // 740 //