________________ // 635 // // 636 // // 637 // // 638 // उदयावलिउवरित्थं ठाणं अहिकिच्च होइ अइहीणो / निक्खेवो सव्वोवरि ठिइठाणवसा भवे परमो समयाहियऽइत्थवणा बन्धावलिया य मोत्तु निक्खेवो / कम्मठिई बन्धोदय आवलियं मोत्तु ओवट्टे निव्वाघाए एवं ठितिघाओ एत्थ होइ वाघाओ / वाघाए समऊणं कंडगमइत्थावणा होइ उक्कोसं डायठिई किंचूणा कंडगं जहण्णं तु / पल्लासंखंसं डायठिईउ जत्तो परमबन्धो चरमं नोवट्टिज्जइ जाव अणंताणि फड्डगाणि तओ। उस्सक्किय उव्वट्टइ उदया ओवट्टणा एवं अइत्थावणाइयाओ सन्नाओ दुसु वि पुव्ववुत्ताओ / किंतु अणंतभिलावेण फड्डगा तासु वत्तव्वा थोवं पएसगुणहाणि अंतरे दुसु वि हीणनिक्खेवो / तुल्लो अणंतगुणिओ दुसु वि अइत्थावणा चेवं. तत्तो वाघायणुभागकंडगं एक्कवग्गणाहीणं / उक्कोसो निक्खेवो तुल्लो सविसेससंतं च आबन्धं उव्वट्टइ सव्वत्थोवट्टणा ठितिरसाणं / किट्टीवज्जे उभयं किट्टिसु ओवट्टणा एक्का . // 639 // // 640 // // 641 // // 642 // // 643 // उदीरणाकरण जं करणेणोकड्डिय दिज्जइ उदए उदीरणा एसा / पगइठिइमाइ चउहा मूलुत्तरभेयओ दुविहा वेयणियमोहणीयाण होइ चउहा उदीरणाउस्स / साई अधुवा सेसाण साइवज्जा भवे तिविहा // 644 // // 645 // ... 17