________________ // 646 / // 647 / // 648 / // 649 / // 650 // // 651 // अधुवोदयाण दुविहा मिच्छस्स चउव्विहा तिहऽन्नासु / मूलुत्तरपगईणं भणामि उदीरगा एत्तो घाईणं छउमत्था उदीरगा रागिणो उ मोहस्स / वेयाऊण पमत्ता सजोगिणो नामगोयाणं उवपरघायं साहारणं च इयरं तणूए पज्जत्ता / .. छउमत्था चउदंसणनाणावरणंतरायाणं तसथावराइ तिगतिगआउगईजातिदिट्ठिवेयाणं / तन्नामणुपुव्वीणं किंतु ते अंतरगईए' . आहारी उत्तरतणुनरतिरितव्वेयए पमोत्तूणं / उद्दीरंती उरलं ते चेव तसा उवंग से आहारी सुरनारग सन्नी इयरे निलो उ पज्जत्तो। लद्धीए बायरोदीरगो उ वेउव्वियतणुस्स तदुवंगस्सावि ते च्चिय पवणं मोत्तूण केइ नरतिरिया / आहारसत्तगस्स वि कुणइ पमत्तो विउव्वंता .. तेत्तीसं नामधुवादेयाण उद्दीरगा. सजोगीओ। लोभस्स य तणुकिट्टीण होति तणुरागिणो जीवा पंचिंदियपज्जत्ता नरतिरि चउरंस उसभपुव्वाणं / चउरंसमेव देवा उत्तरतणुभोगभूमा य आइमसंघयणं चिय सेढीमारूढगा उदीरेंति / इयरे हुंडं छेवट्ठगं तु विगला अपज्जत्ता वेउव्वियआहारगउदये न नरा वि होति संघयणी। ' पज्जत्त बायरे च्चिय आयावुद्दीरगो भोमो पुढवी आउवणस्सइ बायरपज्जत्तउत्तरतणू य।। विगलपणिदियतिरिआ उज्जोवुद्दीरगा भणिया // 652 // // 653 // // 654 // // 655 // // 656 // // 657 // 198