________________ // 564 // // 565 // // 566 // // 567 // // 568 // // 569 // सेसाणं असुभाणं केवलिणो जो उ होइ अणुभागो / तस्स अणंतो भागो असण्णिपंचिदिए होइ .. सम्मट्ठिी न हणइ सुभाणुभागं दुवे वि दिट्ठीणं / सम्मत्तमीसगाणं उक्कोसं हणइ खवगो वि घाईणं जे खवगा जहण्णरससंकमस्स ते सामी / आऊण जहण्णठिईबन्धाओ आवली सेसा अणतित्थुव्वलणाणं संभवओ आवलीइ परएणं / सेसाणं इगि सुहुमो घाइयअणुभागकम्मंसो साइयवज्जो अजहण्णसंकमो पढमदुइय चरिमाणं / मोहस्स चउविगप्पो आउस्सऽणुक्कोसओ चउहा साइयवज्जो वेयणियनामगोयाण होइ अणुकोसो / सव्वेसु सेसभेया साई अधुवा य अणुभागे अजहन्नो चउभेओ पढमगसंजलणनोकसायाणं / साइयवज्जो सो च्चिय जाणं नवगो खवियमोहो सुभधुवचठवीसाए होइ अणुक्कोस साइपरिवज्जो / उज्जोयरिसभओरालियाण चउहा दुहा सेसा विज्झाउव्वलणअहापवत्तगुणसव्वसंकमेहि अणू / जत्रेइ अण्णपगई पएससंकामशं एयं जाण न बन्धो जायइ आसज्ज गुणं भवं व पगईणं / विज्झाओ ताणंगुलअसंखभागेण अन्नत्थ पलियस्सऽसंखभागं अंतमुहुत्तेण तीए उव्वलइ / एवं पलियासंखियभागेणं कुणइ निल्लेवं पढमाओ बीयखंडं विसेसहीणं ठिईए अवणेइ / एवं जाव दुचरिमं असंखगुणियं तु अंतिमयं // 570 // // 571 // // 572 // // 573 // // 574 // // 575 // . 11