________________ निद्दादुगस्स साहिय आवलियदुगं तु साहिए तंसे। . हासाईणं संखेज्ज वच्छरा ते य कोहम्मि .. // 552 // पुंसंजलणाण ठिई जहणिया आवलिदुगेणूणा / अंतो जोगतीणं पलियासंखंस इयराणं .. // 553 // मूलठिईण अजहण्णो सत्तण्ह तिहा चउव्विहो मोहे / सेसविगप्पा साईअधुवा ठितिसंकमे होंति // 554 // तिविहो धुवसंतीणं.चउव्विहो तह चरित्तमोहाणं / अजहन्नो सेसासुं दुविहा सेसा वि दुविगप्पा // 555 // ठितिसंकमो व्व तिविहो रसम्मि उव्वट्टणाइ विन्नेओ। रसकारणओ नेयं घाइत्तविसेसणऽभिहाणं // 556 // देसग्घाइरसेणं पगईओ होंति देसघाईओ। इयरेणियरा एमेव ठाणसन्ना वि नेयव्वा // 557 // सव्वघाई दुठाणो मीसायवमणुयतिरियआऊणं / इगदुट्ठाणो सम्मम्मि तदियरोऽन्नासु जह हेट्ठा // 558 // दुट्ठाणो चिय जाणं ताणं उक्कोसओ वि सो.चेव / संकमइ वेयगे वि हु सेसासुक्कोसओ परमो // 559 // एगट्ठाणजहन्नं संकमइ पुरिससम्मसंजलणे / इयरासुं दोठाणिय जहन्न रससंकमे फड़े // 560 // बंधिय उक्कोसरसं आवलियाओ परेण संकामे / जावंतमुहू मिच्छो असुभाणं सव्वपयडीणं // 561 // आयावुज्जोवोरालपढमसंघयणमणुदुगाऊणं / मिच्छसम्मा य सामी सेसाणं जोगि सुभियाणं . // 562 // खवगस्संतरकरणे अकए घाईण जो उ अणुभागो। . तस्स अणंतो भागो सुहुमेगिदिय कए थोवो . // 563 // 19o.