________________ // 410 // // 411 // // 412 // // 413 // // 414 // // 415 // पंचरस पंचवण्णेहिं परिणया अट्ठफासदोगंधा / जावाहारगजोग्गा चउफासविसेसिया उवरिं अविभागाईनेहेणं जुत्तया ताव पोग्गला अस्थि / सव्वजियाणंतगुणेण जाव नेहेण संजुत्ता जे एगनेहजुत्ता ते बहवो तेहिं वग्गणा पढमा / जे दुगनेहाइजुआ असंखभागूण ते कमसो इय एरिसहाणीए जंति अणंताउ वग्गणा कमसो / संखंसूणा तत्तो संखगुणूणा तओ कमसो तत्तोऽसंखगुणूणा अणंतगुणऊणिया वि सत्तो वि / गंतुमसंखा लोगा अद्धद्धा पोग्गला भूय पढमहाणीए एवं बीयाएऽसंखवग्गणा गंतुं / अद्धं उवरित्थाओ हाणीओ होंति जातीए थोवाओ वग्गणाओ पढमहाणीए उवरिमासु कमा / होंति अणंतगुणाओ अणंतभागो पएसाणं .. पंचण्ह सरीराणं परमाणूणं मइए अविभागो। कप्पियगाणेगंसो गुणाणु भावाणु वा होति / जे सव्वजहण्णगुणा जोग्गा तणुबंधणस्स परमाणू / ते वि उ य संखासंखगुणपलिभागा अइकंता सव्वजियाणंतगुणेण जे उ नेहेण पोग्गला जुत्ता / सा वग्गणा उ पढमा बंधणनामस्स जोग्गाओ अविभागुत्तरियाओ सिद्धाणमणंतभागतुल्लाओ / ताओ फड्डगमेगं अणंतविवराई इय भूय जइमं इच्छसि फड्ड तत्तियसंखाए वग्गणा पढमा / गुणिया तस्साइल्ला रूवुत्तरियाओऽणंताओ // 416 // // 417 // // 418 // // 419 // // 420 // // 421 // 178