________________ // 351 // // 352 // // 353 // // 354 // // 355 // // 356 // बंधुदउक्कोसाणं उक्कोसठिई उ संतमुक्कोसं / तं पुण समयेणूणं अणुदयउक्कोसबंधाणं उदसंकमउक्कोसाण आगमो सालिगो भवे जेट्टो / सन्तं अणुदयसंकमउक्कोसाणं तु समऊणो उदयवईणेगठिई अणुदयवइयाण दुसमया एगा। होइ जहन्नं सत्तं दसण्ह पुण संकमो चरिमो हासाइ पुरिसकोहाइ, तिन्नि संजलण जेण बंधुदए / वोच्छिन्ने संकामइ तेण इहं संकमो चरिमो . जावेगिदिजहन्ना नियगुक्कोसा हि ताव ठिइठाणा / नेरंतरेण हेट्ठा खवणाइसु संतराइं पि संकमतुल्लं अणुभागसंतयं नवरि देसघाईणं / . हासाईरहियाणं जहन्नयं एगठाणं तु मणनाणे दुट्ठाणं देसघाई य सामिणो खवगा। - अंतिमसमये सम्मत्तवेयखीणन्तलोभाणं मइसुयचक्खुअचक्खूण, सुयसम्मत्तस्स जेट्ठलद्धिस्स / परमोहिस्सोहिदुगे, मणनाणे विपुलनाणिस्स . अणुभागट्ठाणाई तिहा कमा ताणऽसंखगुणियाणि / बंधा उव्वट्टोवट्टणाउ अणुभांगघायाओ . सत्तण्हं अजहन्नं, तिविहं सेसा दुहा पएसम्मि / मूलपगईसु आउस्स, साइ अधुवा य सव्वे वि सुभधुवबंधितसाई, पणिदिचउरंसरिसभसायाणं / संजलणुस्साससुभखगइपुंपराघायणुक्कोसं चउहा धुवसंतीणं, अणजससंजलणलोभवज्जाणं / तिविहमजहण्ण चउहा, इमाण छण्हं दुहाणुत्तं // 357 // // 358 // // 359 // // 360 // / / 361 // // 362 // . .. 173