________________ सेसाणं चक्खुसम, तम्मि व अन्नम्मि वा भवे अचिरा / ' तज्जोगा बहुयाओ, ता ताओ वेयमाणस्स // 339 / पढमकसाया चउहा तिहा धुवं साइ अद्धवं संतं / .. दुचरिमखीणभवन्ता निदादुगचोद्दसाऊणि .: // 340 // तिसु मिच्छत्तं नियमा, अट्ठसु ठाणेसु होइ भइयव्वं / सासायणम्मि नियमा, सम्मं भज्जं दससु संतं // 341 // सासणमीसे मीसं सन्तं 'नियमेण नवसु भइयव्वं / सासायणंत नियमा, पंचसु भज्जा अओ पढमा // 342 // मज्झिल्लट्ठकसाया, ता जा अणियट्टिखवगसंखेया। भागा तो संखेया, ठिइखंडा जाव गिद्धितिगं // 343 // थावरतिरिगइदोदो, आयावेगिदिविगलसाहारं / नरयदुगुज्जोयाणि य, दसाइमेगंततिरिजोग्गा // 344 // एवं नपुंसइत्थी सन्तं छक्कं च बार पुरिसुदए / समऊणाओ दोन्नि उ, आवलियाओ तओ पुरिसं // 345 // इत्थीउदएँ नपुंसं, इत्थीवेयं च सत्तगं च कमा। अपुमोदयम्मि जुगवं, नपुंसइत्थी पुणो सत्त // 346 // संखेज्जा ठिइखंडा, पुणो वि कोहाइलोभसुहुमत्ते / आसज्ज खवगसेढी, सव्वा इयराइ जा संतो . || 347 // सव्वाण वि आहारं, सासणमीसेयराण पुण तित्थं / उभये संति न मिच्छो, तित्थगरे अंतरमुहुत्तं // 348 // अन्नयरवेयणीयं, उच्चं नामस्स चरमउदयाओ। मणुयाउ अजोगंता सेसा उ दुचरिमसमयंता // 349 // मूलठिई अजहन्ना तिहा चउद्धा उ पढमयाण. भवे / .. धुवसंतीणं पि तिहा, सेसविगप्पाऽधुवा दुविहा . // 350 // 12