________________ // 304 // // 305 // // 306 // // 307 // // 308 // उदयविधि होइ अणाइ अणंतो, अणाइसंतो धुवोदयाणुदओ / साइसपज्जवसाणो, अधुवाणं तह य मिच्छस्स पयडिठिईमाईया, भेया पुव्वुत्तया इहं नेया / उद्दीरणउदयाणं, जं नाणत्तं तयं वोच्छं चरिमोदयमुच्चाणं, अजोगिकालं उदीरणाविरहे / देसूणपुव्वकोडी, मणुयाउगसायसायाणं तइय च्चिय पज्जत्ती, जा ता निद्दाण होइ पंचण्डं / उदओ आवलिअंते, तेवीसाए उ सेसाणं मोहे चउंहा तिविहो व सेससत्तण्ह मूलपगईणं / मिच्छत्तुदओ चउहा, अधुवधुवाणं दुविहतिविहो उदओ ठिइक्खएणं, संपत्तीए सभावतो. पढमो। सति तम्मि भवे बीओ, पओगओदीरणा उदओ उद्दीरणजोग्गाणं, अब्भहियठिईए उदयजोग्गाओ / हस्सुदओ एगठिईणं, निद्रूणाएगियालाए / अणुभागुदओ वि उदीरणाए तुल्लो जहन्नयं नवरं / आवलिगते सम्मत्तवेयखीणंतलोभाणं अजहन्नोऽणुक्कोसो, चउह तिहा छह चउविहो मोहे / आउस्स साइ अधुवा, सेसविअप्पा य सव्वेसि अजहन्नोणुक्कोसो, धुवोदयाणं चउ तिहा चउहा / मिच्छत्ते सेसासिं, दुविहा सव्वे य सेसाणं संमत्तदेससंपुन्नविरइउप्पत्तिअणविसंजोगे / दसणखवणे मोहस्स, समणे उवसंत खवगे य // 309 // // 310 // // 311 // // 312 // // 313 // // . 314 // 19