________________ वोच्छिज्जति समं चिय, कमसो सेसाण उक्कमेणं तु / अट्ठण्हमजससुरतिगवेउव्वाहारजुयलाणं / // 175 // धुवबंधिणी उ तित्थगरनाम आउय चउक्त बावन्ना / एया निरंतराउ, सगवीसुभ संतरा सेसा // 176 // चउरंसउसभपरघाउसासपुंसगलसायसुभखगई। वेउव्विउरलसुरनरतिरिगोयदुसुसरतसतिचऊ // :177 // समयाओ अंतमुहू, उक्कोसो जाण संतरा ताओ / बन्धेऽहियम्मि उभया, निरंतरा तम्मि उ जहन्ने // 178 // उदए व अणुदए वा, बन्धाओ अन्नसंकमाओ वा। ... ठिइ संतं जाण भवे, उक्कोसं ता तयक्खाओ // 179 // मणुगइ सायं सम्म, थिरहासाइछ वेयसुभखगई। रिसहचउरंसगाई, पणुच्च उदसंकमुक्कोसा // 180 // मणुयाणुपुब्विमीसगआहारगदेवजुगलविगलाणि / सुहुमाइतिगं तित्थं, अणुदयसंकमण उक्कोसा . // 181 // नारयतिरिउरलदुर्ग, छेवढेगिदिथावरायावं / / / निद्दा अणुदयजेट्ठा, उदयउक्कोसा पराणाऊ // 182 // चरिमसमयम्मि दलियं जासिं अन्नत्थ संकमे ताओ / अणुदयवइ इयरीओ, उदयवई होति पगईओ // 183 // नाणंतरायआउगदंसणचउवेयणीयमपुमित्थी / चरिमुदयउच्चवेयग, उदयवई चरिमलोभो य // 184 // // 4 // बंधहेतु द्वार / बंधस्स मिच्छअविरइकसायजोगा य हेयवो भणिया / ते पंचदुवालसपन्नवीसपन्नरसभेइल्ला // 185 // 158