________________ आउव्व भवविवागा, गई न आउस्स परभवे जम्हा / नो सव्वहा वि उदओ, गईण पुण संकमेणत्थि // 165 // अणुपुव्वीणं उदओ; किं संकमणेण नत्थि संते वि ? / जह खेत्तहेउओ ताण न तह अन्नाण सविवागो // 166 // संपप्प जीयकाले, उदयं काओ न जंति पगईओ। एवमिणमोहहेडं, आसज्ज विसेसयं नत्थि . // 167 // केवलदुगस्स सुहुमो हासाइसु कह न कुणइ अप्पुव्वो / सुभगाईणं मिच्छो, किलिट्ठओ एगठाणिरसं ? // 168 // जलरेहसमकसाए वि, एगट्ठाणी न केवलदुगस्स। जं अणुयं पि हु भणियं आवरणं सव्वघाई से // 169 // सेसासुभाण वि न जं, खवगियराणं न तारिसा सुद्धी। न सुभाणं पि हु जम्हा, ताणं बंधो विसुझंति // 170 // उकोसठिई अज्झवसाणेहिं एगठाणिओ होही। सुभियाण तन्न जं ठिइअसंखगुणियाउ अणुभागा // 171 // दुविहमिह संतकम्मं, धुवाधुवं सूइयं च सद्देण / धुवसन्तं चिय पढमा, जओ न नियमा विसंजोगो // 172 // (अणुदयउदओभयबंधणी उ उभबंधउदयंवोच्छेया / संतरउभयनिरंतरबंधा उदसंकमुक्कोसा // 1 // अणुदयसंकमजेट्ठा, उदएणुदए य बंधउक्कोसा / उदयाणुदयवईओ, तितितिचउदुहाउ सव्वाओ // 2 // ) देवनिरयाउवेउब्विछक्कआहारजुयलतित्थाणं / बंधो अणुदयकाले, धुवोदयाणं तु उदयम्मि // 173 // गयंचरिमलोभधुवबंधिमोहहासरइमणुयपुव्वीणं / सुहमतिगआयवाणं, सपुरिसवेयाण बंधुदया // 174 // 157