________________ नियहेउसंभवे वि हु, भयणिज्जो जाण होइ पयडीणं / ' बंधो ता अधुवाओ, धुवा अभयणिज्जबंधाओ . // 153 // दव्वं खेत्तं कालो, भवो य भावो य हेयवो पंच / हेउसमासेणुदओ, जायइ सव्वाण पगईणं .: // 154 // अव्वोच्छिनो उदओ, जाणं पगईण ता धुवोदइया। वोच्छिन्नो वि हु संभवइ, जाण अधुवोदया ताओ / // 155 // असुभसुभत्तणघाइत्तणाई रसभेयओ मुणिज्जाहि / सविसयघायणभेएण वा वि घाइत्तणं नेयं // 156 // जो घाएइ सविसयं, सयलं सो होइ सघाइरसो। .. सो निच्छिद्दो निद्धो, तणुओ फलिहब्भहरविमलो // 157 // देसविघाइत्तणओ, इयरो कडकंबलंसुसंकासो / विविहबहुछिद्दभरिओं, अप्पसिणेहो अविमलो य // 158 // जाण न विसओ घाइत्तणम्मि ताणं पि सव्वघाइरसो / जायइ घाइसगासेण, चोरया वेह चोराणं // 159 // घाइखओवसमेणं, सम्मचरित्ताई जाई जीवस्स / ताणं हणंति देसं, संजलणा नोकसाया य // 160 // विणिवारिय जा गच्छइ, बंधं उदयं च अन्नपगईए / सा हु परियत्तमाणी, अणिवारेंति अपरियत्ता // 161 // दुविहा विवागओ पुण, हेउविवागाउ रसविवागाउ / एक्केक्का वि य चउहा, जओ च सद्दो विगप्पेणं // 162 // जा जं समेच्च हेडं, विवागउदयं उवेंति पगईओ। ता तव्विवागसन्ना सेसभिहाणाई सुगमाई . // 163 // अरइरईणं उदओ, किन्न भवे पोग्गलाणि संपप्प / . अप्पुढेहि वि किन्नो एवं कोहाइयाणं पि? // 164 // 15