________________ // 141 // // 142 // / / 143 // // 144 // // 145 // // 146 // आयावं संठाणं, संघयणसरीरअंगउज्जोयं / नामधुवोदयउवपरघायं पत्तेयसाहारं उदइयभावा पोग्गलविवागिणो आउ भवविवागीणि / खेत्तविवागऽणुपुव्वी जीवविवागा उ सेसाओ मोहस्सेवोवसमो खाओवसमो चउण्ह घाईणं / खयपरिणामियउदया अट्टण्ह वि होंति कम्माणं सम्मत्ताइ उवसमे खाओवसमे गुणा चरित्ताई / खइए केवलमाई तव्ववएसो उ उदईए नाणंतरायदंसणवेयणियाणं तु भंगया दोन्नि / साइसपज्जवसाणो वि होइ सेसाण परिणामो चउतिट्ठाणरसाइं, सव्वघाईणि होति फड्डाई / दुट्ठाणियाणि मीसाणि देसघाईणि सेसाणि - निहएसु सव्वघाईरसेसु फड्डेसु देसघाईणं / जीवस्स गुणा जायंति ओहिमणचक्खुमाईया . आवरणमसव्वग्घं, पुंसंजलणंतरायपयडीओ। . चउट्ठाणपरिणयाओ, दुतिचउठाणाउ सेसाओ उप्पलभूमीवालुयजलरेहासरिससंपराएसुं। चउठाणाई असुभाणं, सेसयाणं तु वच्चासा घोसाडइनिबुवमो, असुभाण सुभाण खीरखंडुवमो / एगट्ठाणो उ रसो, अणंतगुणिया कमेणियरा उच्चं तित्थं सम्मं, मीसं वेउव्विछक्कमाऊणि / मणुदुगआहारदुर्ग, अट्ठारस अधुवसंताओ पढमकसायसमेया, एयाओ आउतित्थवज्जाओ / सत्तरसुव्वलणाओ, तिगेसु गइआणुपुव्वाऊ / / 147 // // 148 // // 149 // // 150 // // 151 // // 152 // 155