________________ ते। ... इत्थीए पुण उवरि, जस्सिह उदएण रागउप्पज्जे / सो तणदाहसमाणो, होइ विवागो पुरिसवेए .. // 52 // इत्थीपुरिसाणुवरिं, जस्सिह उदएण रागउप्पज्जे / नगरमहादाहसमो, सो उ विवागो अपुमवेए .. // 53 // तिण्ह वि होइ विवागो, मिच्छाओ जाव बायरो ताव। हासरईअरइभयं, सोगदुगुंछा उ अह भणिमो . // 54 // सनिमित्तऽनिमित्तं वा, जं हासं होइ इत्थ जीवस्स / सो हासमोहणीयस्स होइ कम्मस्स उ विवागो // 55 // सच्चित्ताचित्तेसु य, बाहिरदव्वेसु जस्स उदएणं / होइ रई रइमोहे, सो उ विवागो वियाणाहि // 56 // सच्चित्ताचित्तेसु य, बाहिरदव्वेसु जस्स उदएणं / अरई होइ हु जीवे सो उ विवागो अरइमोहे .. // 57 // भयवज्जियम्मि जीवे, जस्सिह उदएण हंति कम्मस्स / सत्त वि भयठाणाई, भयमोहे सो विवागो उ // 58 // सोगरहियम्मि जीवे, जस्सिह उदएण होइ कम्मस्स / अकंदणाइसोगो, तं जाणह सोगमोहणियं // 59 // दुग्गंधमलिणगेसु य, अभिंतरबाहिरेसु दव्वेसु / ' जेण विलीयं जीवे उप्पज्जइ सा दुगुंछा उ // 60 // छण्ह वि होइ विवागो मिच्छाओ जा अपुव्वकरणस्स / चरमसमउ त्ति परओ, नत्थि विवागो उ छण्हं पि // 61 // भणिओ मोहविवागो, आउयकम्मं तु पंचमं भणिमो। . तं होइ चउपयारं, नरतिरिमणुदेवभेएहिं .. // 2 // दुक्खं न देइ आउं नेय सुहं देइ चउसु वि गईसु / . दुक्खसुहाणाहारं, धरेइ देहट्ठियं जीवं // 63 // 111