________________ // 40 // = // 41 // // 42 // = // 43 // = // 44 // // 45 // जं पि य चरित्तमोहं, तं पि हु दुविहं समासओ होइ / सोलस जाण कसाया, नव भेया नोकसायाणं. कोहो माणो माया, लोभो चउरो वि हुंति चउभेया / अणअप्पच्चक्खाणा, पच्चक्खाणा य संजलणा कोहो माणो माया लोभो पढमा अणंतबंधी उ। एयाणुदए जीवो, इह संमत्तं न पावेइ जं परिणामो किट्ठो मिच्छाओ जाव सासणो ताव / सम्मामिच्छाईसुं, एसिं उदओ अओ नत्थि कोहो माणो माया, लोभो बीया अपच्चखाणा उ। एयाणुदए जीवो, विरयाविरई न पावेइ एसि जाण विवागो, मिच्छाओ जाव अविरओ ताव / परओ देसजयाइसु, नत्थि विवागो चउण्हं पि. कोहो माणो माया, लोभो तइया उ पच्चखाणा उ। एयाणुदए जीवो, पावेइ न सव्वविरइं तु एसिं जाण विवागो, मिच्छाओ जाव विरयविरओ उ। परओ पमत्तमाइसु, नत्थि विवागो चउण्हं पि कोहो माणो माया, लोभों चरिमा उ हुंति संजलणा / एयाणुदए जीवो, न लहइ. अहखायचारित्तं एसि जाण विवागो, मिच्छाओ जाव बायरो तिण्हं / लोभस्स जाव सुहुमो, होइ विवागो न परओ उ नव-नोकसाय भणिमो, वेया तिन्नेव हासछकं च / इत्थीपुरिसनपुंसग, तेसिं सरूवं इमं होइ पुरिसं पइ अहिलासो, उदएणं होइ जस्स कम्मस्स / सो फुफुमदाहसमो, इत्थीवेयस्स उ विवागो . . 115 // 46 // = // 47 // // 48 // // 49 // // 50 // // 51 //