________________ // 16 // // 17 // // 18 // // 19 // // 20 // // 21 // रिउमइविउलमईहिं, मणपज्जवनाणवण्णणं समए / तं आवरियं जेणं, तं पि हु मणपज्जवावरणं लोयालोयगएK, भावेलुं जं गयं महाविमलं / तं आवरियं जेणं, केवलआवरणयं तं पि एवं पंचवियप्पं नाणावरणं समासओ भणियं / बीयं दंसणवरणं, नवभेयं भण्णए सुणह दंसणसीले जीवे, दंसणघायं करेइ जं कम्मं / तं पडिहारसमाणं, सणवरणं भवे बीयं जह स्त्रो पडिहारो, अणभिप्पेयस्स सो उ लोगस्स / रण्णो तहि दरिसावं, न देइ दलृ पि कामस्स जह राया तह जीवो, पडिहारसमं तु दंसणावरणं / तेणिह विबंधएणं, न पिच्छए सो घडाईयं निद्दापणगं तत्थ उ, चउभेया दंसणस्स आवरणे / सुहपडिबोहो निद्दा बीया पुण.निद्दनिद्दा य सा दुक्खबोहणीया, पयला पुण जा .ठियस्स उद्धाइ / पयलापयल चउत्थी, तीए उदओ उ चंकमणे थीणद्धी पुण दिचिंतियस्स अत्थस्स साहणी पायं। सा संकिलिट्ठकम्मस्स उदयओ होइ नियमेणं निद्दापणगं एयं, चक्खू आवरइ चक्खुआवरणं / / सेसिदियआवरणं, होइ अचक्खुस्स आवरणं सामन्नुवओगं जं, वरेइ तं ओहिदसणावरणं / केवलसामन्नं जं, वरेइ तं केवलस्स भवे भणियं दंसणवरणं, तइयं कम्मं तु होइ वेयणियं / तं असिधारासरिसं, जह होइ तहा निसामेह ... . 113 // 22 // // 23 // // 24 // // 25 // // 26 // // 27 //