________________ // 120 // // 121 // // 122 // // 123 // // 124 // // 125 // दुट्ठट्ठकम्मपयडिट्ठिइतरुणीपरवसो तहा जीवो। . हिच्चा चरित्तरजं अहिलसइ विसयसुहभिक्खं तो भणइ धम्मचक्की किमिय पत्थेइ मइ पसन्नमणे। वरनाणदंसणचरित्तरज्जं तुब्भं पयच्छामि नो बुज्झइ सो मूढो हियमेयं भासिओ अ सइसया। . दियभोयणु व्व तस्स य चक्किप्पसाओ पुण दुलहो कहमवि देवबलेण लहइ पुणो भोयणं च सो विप्पो। जाएइ चक्की तत्थ य भोजं कल्लाणनामाणं अह अण्णया य अण्णो समागओ पुव्वसंगओ विप्पो / जाएइ चक्की तत्थ य भोजं कल्लाणनामाणं तो भणइ दीयं चक्की नेयं तुह जिज्जए महाभोज्जं / घयजुत्तं परमहं उयरे ज़ह सारमेयाणं सव्वेहिं परियणेहिं वारिज्जंतो वि भणइ पुण इत्थं / दिट्ठोसि महाकिविणो भोअणमित्तं पि नो देइ . सव्वं तस्स कुटंब रण्णा भुज्जावियं तहा धायं। . कंदप्पदप्पपरवश-मह रयणीए तहा जायं अम्मापिउपुत्तपुत्तीसुसुरण्हुसाइयं लज्जप्पन्भटुं / लोए दुगंछणिज्जं हिच्चा तं णिग्गओ विप्पो नियदोसमयाणंतो रण्णोवरि दोसपोसमुच्चंतो। कत्थ वि णयरस्स बहिं पस्सइ एगं अजावालं निग्गोहपत्तयरं कक्करियाहिं कयं सयच्छिदं / सव्वं नियवित्तंतं तप्पुरओ जहत्थियं भणइ विप्पेण तेण तइया दव्वेण वसीकओ अजावालो। सिक्खाविओ य इत्थ पणासियव्वा य निवदिट्ठी // 126 // // 127 // // 128 // // 129 // / / 130 // // 131 // 304