________________ भग्गो सव्वविणटो, विराहिओ देसनासमणुपत्तो।। दोण्हं पि अभावाओ, उस्सग्गो होज्ज मम सुद्धो // 448 // सोलसभेयागारा, सव्वे चउहा समासओ होति / आगंतुका य सहया, नियोगजा तह य बज्झा य // 449 / / आगंतुगा य दुविहा, अप्पनिमित्ता य बहुनिमित्ता य / खासिय-खुय-जंभाइय, अप्पनिमित्ता इमे तिन्नि // 450 // वायनिसग्गुड्डोया, भमली तह चेव पित्तमुच्छा य / एए य बहुनिमित्ता, अजिनपित्ताइबहुयत्ता // 451 / / ऊससियं नीससियं, दो सहजा तह निओगजा तिन्नि / खेलं-ग-दिट्ठि-संचालनामया सेसया बज्झा // 452 // आह भुयणेक्कपहुणो, वंदणकज्जे पयट्टमाणस्स। सत्तवओ न हु जुत्तं, आयारपगप्पणं एयं // 453 // जिणवंदणापयट्टो, पाणच्चायं करेज्ज जइ जीवो।। मोक्खो वा सग्गो वा, नियमेण करट्ठिओ तस्स // 454 // का भत्ती तित्थयरे ?, का वा एगग्गया मणे तस्स ? / जो वंदणापवत्तो, संभावइ देहसुह-दुक्खे // 455 // नो देहरक्खणट्ठा, आगारपरूवणा इमा किं तु / - सुविसुद्धपालणट्ठा, भंगभया चेव भणियं च // 456 // वयभंगो गुरुदोसो, थेवस्स य पालणा गुणकरी उ / गुरुलाघवं च नेयं, धम्मम्मि अओ य आगारा // 457 // . अविहिमरणं अकाले, अलहिज्जइ नेय धम्मियजणाणं / . अप्पाणम्मि परम्मि य, जेण समो तेसि परिणामो // 458 // भावियजिणवयणाणं, महत्तरहियाण नत्थि उ क्सेिसो / अप्पाणम्मि परम्मि य, तो वज्जे पीडमुभओ वि . // 459 // GO