________________ वत्था-ऽऽहरण-विलेवण-मल्लेहिँ विभूसिओ जिणवरिंदो / रायसिरिमणुहवंतो, भाविज्जइ भवियलोएण // 220 // अवगयकेसं सीसं, मुहं च दिलृ पि भुवणनाहस्स / साहेइ समणभावं, छउमत्थो एस पिंडत्थो // 221 // कंकिल्लि कुसुमवुट्ठी दिव्वझुणि चमरिधारिणो उभओ / सिंहासण भामंडल दुंदुहि छत्तत्तयं चेव // 222 // इय पाडिहेररिद्धी, अणन्नसाहारणा पुरा आसि / / केवलियनाणलंभे, तित्थयरपयम्मि पत्तस्स // 223 // पलियंकसन्निसनो, उद्धट्ठाणट्ठिओ य किर भयवं / एए दो आयारा, अरूवभावे जिणवराणं // 224 // एवमवत्थाण तियं; सम्मं भावेज्ज वंदणासमए / जिणबिंबविहियनिच्चलनयणजुओ सुद्धपरिणामो // 225 // एत्तो य वाम-दाहिण-पच्छिमदिसिदंसणं परिहरेज्जा / तिदिसिनिरक्खणविरई, एवं चिय होइ नायव्वा // 226 // आलोयचलं चक्, मणो व्व तं दुक्करं थिरं काउं / रूवेहिँ तहिं खिप्पइ, सभावओ वा सयं चलइ // 227 // तह वि हु नामियगीवो, विसेसओ दिसितियं न पेहेज्जा / तत्थ उवओगभावे, वंदप्पपरिणामहाणी उ // 228 // ठाऊण उचियदेसे, चिइवंदणकरणजोगभूभाए / दिट्ठीए पेहेत्ता, विहिणा उभओ पमज्जिज्जा // 229 // सममिउपम्हलचेलंचलेण सड्ढो पमज्जणं कुणइ / तिक्खुत्तो बि-तिवारं, साहू रयहरदसग्गेहिं // 230 // भावेज्ज य वंदंतो, वनाइतियं मणम्मि एगग्गो। . तं पुण भणंति मुणिणो, वन्नत्थालंबणसरूवं // 231 //